Thursday, 1 November 2018

इक वज़ह तुम हों इक वजह हम हैं,
ना तुम कम हो ना हम कम हैं..
वाद विवाद में ना जाने क्यों,
ना तुम कम हो ना हम कम हैं..
क्यों ना इश्क़ की एक बाज़ी लगाई जाए,
फिर देखें

के तुम कम हो या हम कम हैं..

Shayro ke lafz...

धुंधले से होते जा रहे हैं सपने हवाओं में कही, शायरों के लफ़्ज़ अब हलके हो चले है...