Monday, 13 March 2017

रिश्तों की भी सच्चाई दीवारों जैसी हैं,
इक इक ईंट से बनती है,
पर विश्वाश की छत ना हो तो
दीवारें अक्सर खंडहर सी बन जाती है

1 comment:

  1. Simplicity of the writing is amazing...speaks volumes about life.Hope to see more

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Shayro ke lafz...

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