Sunday, 24 March 2019

नींद से जगाया जो तूने,
मेरे कुछ ख़्वाब मार दिए,
तनहाइयों से परे जो थे पनपे,
ऐसे कई अल्फ़ाज़ मार दिए,
दिलासा ना दिला के सुबह हो गयी,
ऐसे ही ना जाने कितने ही,

इशकबाज मार दिए...

No comments:

Post a Comment

Shayro ke lafz...

धुंधले से होते जा रहे हैं सपने हवाओं में कही, शायरों के लफ़्ज़ अब हलके हो चले है...