तुम किसी सूपरहिट फ़िल्म का इतवार,
मैं एक आर्ट फ़िल्म का दुपहरिया बुधवार...
तेरे जाने से निराशा के बादल छा जाते हैं,
हमें तो लोग युंही नज़र अन्दाज़ कर जाते हैं....
धुंधले से होते जा रहे हैं सपने हवाओं में कही, शायरों के लफ़्ज़ अब हलके हो चले है...
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